मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य Makka Madina History Facts Hindi

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको मक्का मदीना का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के विषय में बताने जा रहें है। मक्का मदीना मुस्लिमो के लिए जन्नत का दरवाजा माना जाता है।

हर मुस्लिम अपने सम्पूर्ण जीवन में एक बार वहां जाने की ख्वाहिश रखता है। कहा जाता है कि वहां पर भी कुछ हिन्दू रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। हांलाकि वहां ऐसा कुछ नहीं होता है।

यहाँ हम आपको बताएंगे मक्का तथा मदीना क्या है? मक्का मदीना का इतिहास क्या है? मक्का मदीना से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए-

Makka Madina History Facts Hindi मक्का मदीना का इतिहास
मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य

इसके साथ ही क्या आप जानते हैं की पूरी दुनिया में कुल कितने मुस्लिम देश हैं अगर नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की दुनिया में 57 मुस्लिम समुदाय के देश हैं।

मक्का मदीना

मक्का मदीना की आधार शिला आज से एक हजार चार सौ वर्ष पूर्व पैगम्बर साहब के द्वारा रखी गई थी। यह बाहर से चकौर कमरानुमा इमारत दिखाई देती है। जिस पर काला लिहाफ चढ़ा हुआ है।

इसके चारो तरफ मस्जिद बनी हुई है जिसमे हज के लिए आने वाले सभी मुस्लिम अल्लाह की इबादत करते है और अपने गुनाह की माफ़ी मांगते है। मक्का में पैगम्बर साहब के चरणों के चिन्ह भी मौजूद है। इन्हें भक्तो के दर्शन के लिए रखा गया है।

सभी वहां जाकर इनके दर्शन करते है और अपने आप को ध्यान समझते है। हालांकि इसके अलावा मक्का में एक काले रंग का पवित्र पत्थर भी है। जिसे मुस्लिम लोग चूमते है और मन्नत मांगते है।

जानकारी के लिए बता दें मक्का में एक कुआ भी है और इस कुए का पानी कभी नहीं सूखता है। जायरीनों के लिए 24 घंटे इस कुए से पानी निकाला जाता है। इस पानी को बहुत ही पवित्र माना जाता है और इस उपयोग विभिन्न कामो में किया जाता है।

मक्का मदीना का इतिहास

मक्का मदीना साउदी अरब के हज का शहर है। मक्का साम्राज्य के शासक की राजधानी है। समुद्र सतह से 277 मीटर (909 फ़ीट ऊँची) जिन्ना की घाटी पर शहर से 70 किलोमीटर अंदर स्थित है।

2012 तक वहां पर लगभग 2 मिलियन लोग रहते थे। हालांकि इसके तीन गुना लोग हर साल इसे देखने आते है। अधिकांश मुस्लिम लोग धूल-अल-हिज्जा के बारे में लूनर की हज की यात्रा पर जाते है।

कहा जाता है यह मुहम्मद का जन्म स्थान और कुरान की पहली आकाशवाणी का स्थान भी है। मक्का से 3 किलोमीटर की दूरी पर एक विशेष गुफा भी है।

इस्लाम धर्म में मक्का को सबसे पवित्र शहर माना जाता है। मक्का में इस्लाम धर्म के लोग इसे कावा का घर भी मानते है। मक्का पर लम्बे समय तक मुहम्मद के वंशजो ने शासन किया है।

जिनमे शरीफ भी शामिल है जो स्वतंत्र रूप से शासन करते थे। मक्का का निर्माण वरह 1925 में किया गया था। मक्का एक बेहतरीन और बहुत ही खूबसूरत इमारत है।

काबा

प्राचीनकाल से ही मक्का धर्म तथा व्यापार का केंद्र रहा है। यह स्क्रीय बलुई तथा अनउपजाऊ घाटी में बसा हुआ है। यहाँ पर कभी भी बारिश नहीं होती है। मगर शहर का खर्च यात्रियों से प्राप्त कर द्वारा किया जाता है।

जानकारी के लिए बता दें यहाँ पर पत्थर से बनी हुए एक बहुत बड़ी मस्जिद भी है। इसके मध्य में ग्रेनाइट पत्थर से बना आयताकास्थित है। जो 40 फुट लंबा तथा 33 फुट चौड़ा है। इसमें एक भी खिड़की नहीं है बल्कि एक दरवाजा है।

कावा की पूर्वी कोने में जमीन से लगभग 5 फुट ऊंचाई पर पवित्र काला पत्थर स्थित है। मुस्लिम यात्री यहाँ आकर कावा के सात चक्कर लगाते है और उसके बाद इसे चूमते है। पैगंबर मुहम्मद का जन्म स्थल मक्का मदीना को कहा जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि मुहम्मद साहब से यहाँ पर 500 ई ० पू ० जन्म लिया था। लेकिन मक्का वासियो से झगड़ा हो जाने के कारण उन्होंने 622 ई ० में मक्का छोड़कर मदीना चले गए थे।

जानकारी के लिए बता दें अरबी भाषा में सफर करना हिजरत कहलाता है। यही से सवंत हिजरी की शुरुआत हुई थी। मुहम्मद साहब के पहले मक्का का व्यापार मिस्र देशो से होता था।

मस्जिद के निकट ही जमजम का पवित्र कुआ है। पैगम्बर मुहम्मद साहब से शिष्यों को अपने पापो से मुक्ति पाने के लिए अपने सम्पूर्ण जीवन में एक बार मक्का आना जरूरी बताया है।

दुनिया के सभी क्षेत्रों से मुस्लिम लोग पैदल, ऊंटों पर, ट्रक आदि से यहाँ आते है। जानकारी क लिए बता दें पहले यहाँ पर केवल मुस्लिम धर्म के लोगो को ही अधिकार प्राप्त था। इसके कुछ मील तक चारो ओर के क्षेत्रों को पवित्र माना जाता है। इस क्षेत्र में कोई युद्ध नहीं हो सकता है और न ही कोई पेड़ पौधा काटा जा सकता है।

मक्का मदीना का हज यात्रा का समय

कहा जाता है सऊदी अरब की धरती पर ही इस्लाम का जन्म हुआ था। इसलिए मक्का मदीना जैसे पवित्र मुस्लिम तीर्थ स्थल उस देश की जागीर है। मक्का में पवित्र कावा है जिसकी प्रदर्शनी कर हर मुस्लिम अपने आप को धन्य मानता है।

सम्पूर्ण विश्व में इस्लामिक तारीख के अनुसार 10 जिल हज को विश्व के कोने कोने से मुस्लिम इस पवित्र स्थान पर पहुँचते है। जिसे ईद-उल-अजाह कहा जाता है। भारत में इसे सामान्य भाषा में बकरा ईद या बकरीद कहा जाता है।

हज संपन्न करने के बाद उसकी पूर्ण आहुति तब होती है जब सरियत द्वारा मान्य पशु की कुर्बानी दी जाती है। मक्का में मस्जिद-अल-हरम नाम से एक प्रसिद्ध मस्जिद है।

इस मस्जिद के चारो ओर पुरातत्विक महत्व के खम्बे है। लेकिन कुछ समय पहले सऊदी सरकार के निर्देश पर इसके कई खम्बे गिरा दिए गए है।

इस्लामी बुद्धिजीवियों में से बहुत से लोगो का मानना है कि इसी के पास से पैगम्बर साहब पंख वाले घोड़े पर सवार होकर ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए स्वर्ग पधारे थे। कहा जाता है कि मस्जिद-अल-हरम 356 हजार 800 वर्ग मीटर में फैली हुई है।

ऐसा कहा जाता है इसका निर्माण हजरत इब्राहिम ने किया था। अब इस मस्जिद के पूर्वी भाग के खम्बो को धराशाही किया जा रहा है। इतिहास की दृष्टि से इसका महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह पैगम्बर हजरत मुहम्मद के साथियो के महत्वपूर्ण क्षणों को अरबी में अंकित किया गया है।

मक्का मदीना से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • मक्का में कोई गैर -मुस्लिम व्यक्ति नहीं जा सकता है क्योंकि यहाँ कि सरकार ने गैर मुस्लिमो के आने पर पाबंदी लगाई हुई है।
  • हर साल मक्का में हज के समय शहर की आबादी बहुत अधिक हो जाती है।
  • मक्का में काले रंग का एक ऐसा पत्थर है जो बहुत ही पवित्र है।
  • जैसे कि हिन्दू धर्म में सात परिक्रमा होती है ठीक इसी प्रकार मुस्लिम धर्म के लोग काबा की भी साथ परिक्रमा करते है और उसे चूमते है।
  • मुहम्मद पैगम्बर ने अपने जीवन के 50 साल मक्का में बिताये।
  • मक्का में मस्जिद-अल-हरम नाम से एक प्रसिद्ध मस्जिद है।
  • कुरान की घोषणा आज से हजारो वर्ष पूर्व मक्का में हुई थी।
  • जानकारी के लिए बता दें काबा में पहले एक खिड़की और दो दरवाजे थे। एक दरवाजा आंध्र जाने के लिए और दूसरा बाहर आने के लिए। लेकिन अब काबा में केवल एक दरवाजा है।
  • काबा के पहले दवाजे चांदी के बने हुए थे लेकिन वर्तमान में काबा का दरवाजा सोने का बना हुआ है।
  • हजरे अवसद चांदी की परत से घिरा हुआ है। कुछ लोगो का मानना है अमायद की फौज के हाथो मारे गए पत्थर के लगने की वजह से टूट गया था।
  • कावा शब्द का अर्थ है चकौर। इब्राहिम अल-ए-सलाम के वक्त काबे की एक साइड का हिस्सा गोल हुआ करता था। जिसे आज हतीम कहा जाता है। आपने देखा भी होगा लोग हतीम के बाहर से तवाफ़ करते है।
  • जमजम से लोग 24 घंटे पानी पीते है।
  • जमजम के पानी का स्वाद हमेशा एक जैसा रहता है।
  • जमजम का पानी लोग अपने घर ले जाते है और अपने पवित्र कार्यो में इस पानी का इस्तेमाल करते है।
  • जो भी व्यक्ति जमजम का पानी पीता है उसके रोग खत्म हो जाते है।
  • मक्का मदीना को इस्लाम का पांचवा स्तम्भ माना जाता है।
  • दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों से हर साल लाखो मुस्लिम – ऊंट, ट्रक आदि से हज की यात्रा के लिए जाते है।
  • मक्का मदीना में हिन्दू धर्म की कुछ परम्पाओं का पालन किया जाता है।

मक्का मदीना के इतिहास से सम्बंधित (FAQ)

मक्का का निर्माण कब हुआ था?

मक्का का निर्माण वर्ष 1925 में किया गया था।

पैगम्बर मुहम्मद का जन्म स्थल किसे कहा जाता है?

पैगम्बर मुहम्म्द का जन्म स्थल मक्का मदीना को कहा जाता है।

अरबी भाषा में सफर करना को क्या कहा जाता है?

अरबी भाषा में सफर करना को हिजरत कहा जाता है।

इस्लामिक वर्ष को क्या कहा जाता है?

इस्लामिक वर्ष को सवंत हिजरी कहा जाता है।

मक्का मदीना किसे लिए प्रसिद्ध है?

मक्का और मदीना हज यात्रा के लिए प्रसिद्ध है।

मक्का मदीना किस समुद्र के पास है?

मक्का मदीना लाल समुद्र के पास है।

मक्का मदीना में हिंदू क्यों नहीं जा सकते?

आपकी जानकारी के लिए बता दें की मक्का मदीना में न केवल हिन्दू बल्कि मुस्लिम धर्म के आलावा अन्य कोई भी धर्म का व्यक्ति वहां नहीं जा सकता। उनका मानना यह है की केवल अल्लाह को मानने वाले व्यक्ति ही अंदर जा सकते हैं।

जैसे कि इस लेख में हमने आपसे मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य और इससे सम्बंधित जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नों के उत्तर दिए जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।

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