कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है – Kutub Minar ki Lambai Kitni Hai

भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित एक ईटों से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है इसका नाम क़ुतुब मीनार है। जिस तरह से आज दिल्ली भारत के लिए एक महत्वपूर्ण शहर है ठीक उसी प्रकार प्रचीन समय में भी भारत के दिल्ली उतना ही महत्वपूर्ण था।

बहुत सरे विदेशियों ने दिल्ली पर राज किया तथा भारत में कई प्रकार के इमारतों तथा मीनारों का निर्माण करवाया। भारत में ऐसी कई प्रकार की कलाकृतियां हैं जिनके देखने के लिए विश्वभर के लोग यहां आते हैं। 1993 में यूनेस्को के द्वारा भी क़ुतुब मीनार को विश्व धरोहर के रूप में शामिल किया।

आजकल बहुत सरे लोग इंटरनेट पर Qutub minar ki lambai के बारे में सर्च करते हैं इसलिए आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे की क़ुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है ? Qutub minar को किसके द्वारा बनाया गया था ? क़ुतुब मीनार का इतिहास क्या है ?

Qutub minar ki lambai kitni hai, Kisne Banaya, Unchai or iska itihas इन सभी विषयों पर आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है? Qutub Minar किसने और कब बनवाया
कुतुब मीनार की लम्बाई कितनी है? Qutub Minar किसने और कब बनवाया

दुनियाँ में बहुत सारी मीनार प्रशिद्ध है जिनमे से एक हमारे भारत में स्तिथ मीनार Kutub minar है। एशिया महादेश की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार है। यूनेस्को के विश्व धरोहर की सूची में भी कुतुब मीनार का नाम अंकित है इसे मुगलो ने बनवाया था।

जिसे वह इस मीनार में आकर नमाज़ पढ़ सके, कुतुब मीनार की पहली, दूसरी और तीसरी मीनार की रचना तो लाल और बफ सेंड स्टोन पत्थर से हुई है पर चौथी और पाँचवी मंजिल की रचना के लिए संगमरमर के पत्थर के पत्थर का प्रयोग किया गया है।

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Kutub Minar ki Lambai Kitni Hai

भारत की सबसे ऊँची मीनार कुतुब मीनार है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दि में मुगलों द्वारा किया गया था। कुतुब मीनार को दुनियाँ के धरोहर में से एक कहा जाता है। क़ुतुब मीनार लाल और बफ सेंड स्टोन से बनी हुई है विश्व की सबसे ऊँची ईंटों की मीनार है।

इस मीनार के भीतर 5 मंजिल एवं 4 बालकिनियाँ हैं। Qutub minar ki lambai (कुतुब मीनार की लम्बाई) 72.5 मीटर या 237 फुट है। क़ुतुब मीनार में कुल 379 सीढियाँ हैं, गुलाम वंश के शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा 1199 ईस्वी में इस खूबसूरत मीनार की नीवं राखी गयी थी।

ऐसा माना जाता है की इस मीनार के आस पास के 27 किलों को तोड़कर इस किलों के मलबे से यह मीनार बनाई गयी थी, इसका प्रमाण क़ुतुब मीनार के अंदर क़ुतुब के चित्र से मिलता है।

मीनार का मतलब

मीनार (Minar) शब्द अरबी भाषा से प्राप्त हुआ है जिसका अर्थ होता है “दीपगृह” मीनार एक तरह से ऊँचा स्तम्भनुमा स्थापत्य की तरह होता है। सभी मीनार ज्यादातर बेलनाकार, ऊँचा तथा इसके ऊपर प्याज नुमा मुकट के जैसा सजा होता है। अधिकतर मीनार मस्जिदों के साथ ही मिलकर लगे हुए होते हैं।

कुतुब मीनार के निमार्ण का उद्देश्य

अफगानिस्तान में स्थित जाम की मीनार जो की नमाज़ की पुकार करने के लिए बनाई गई थी। उससे से प्रभावित होकर, मुगलों के शासक ने अपने राज्य में भी उसी तरह की एक मीनार बनाने की इच्छा तो आधार बनाके इसकी नींव रखवाई।

लेकिन इस मीनार को और भी सुंदर और आकर्षिक बनाने के लिए। लाल और बफ सेंड स्टोन पत्थर से बनाया गया था। इसके ऊपरी हिस्से में संगमरमर के पत्थर का प्रयोग किया गया था। इसकी हर मंजिल पर शिल्पकारों ने बहुत खास डिजाइन दिया है। जिससे यह एक अद्भुत मीनार के रूप में लोगो के बीच निर्मित हुई।

Kutub Minar का निर्माण कहाँ हुआ ?

कुतुब मीनार का निर्माण भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली इलाके में हुआ था।

कुतुब मीनार का निर्माण कब हुआ ?

क़ुतुब मीनार का निर्माण पूरा होने में पुरे 175 साल लग गए थे। इसकी नींव रखने शुरुआत 1193 में हुई थी। और इसका पूरा निर्माण 1368 में हुआ था। इस तरह भारत की सबसे बड़ी मीनार का निर्माण हुआ। जिसका नाम आज लोग अनमोल धरोहरों में जोड़ते है।

कुतुब मीनार की स्थापना किसने की?

 प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण 1193 शुरू किया था। लेकिन वह इस मीनार को पूरा नहीं कर पाया था उससे पहले ही उसकी मृत्यु हो गई थी। इस लिए कुतुबद्दीन के उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसके आगे का कार्य शुरू करवाया था परन्तु वह भी इस मीनार को पूरा नहीं कर पाया था।

इल्तुतमिश के उत्तराधिकारी फ़िरोज़शाह तुगलक ने 1368 में कुतुब मीनार की पांचवी मंजिल बनवाई थी। इस प्रकार इसे तीन शासकों ने पूरा करा था।

1508 में एक भयंकर भूकंप आया, जिसके प्रभाव से क़ुतुब मीनार की ईमारत में काफी नुक़सान पहुंचा था। इस लिए लोदी वंश के दूसरे शासक सिकंदर लोदी ने क़ुतुब मीनार को दोबारा मरम्मत करवाई थी।

kutub मीनार का नाम कैसे पड़ा

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित क़ुतुब मीनार के नाम का इतिहास आज भी प्रदर्शित नहीं है इसके नाम के दो इतिहास है। कुछ इतिहासकार कहते है, की प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबद्दीन ऐबक ने जिसने इस मीनार का निर्माण करवाया था उसने अपने नाम पर इसका नाम रखा था। कुतुब का अर्थ ‘न्याय का ध्रुव’

वही दूसरी और कुछ इतिहासकारों का कहना है की इस मीनार का निर्माण मुस्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था।

Kutub Minar का अकार एवं रूप कैसा है ?

भारत में स्तिथ Kutub Minar का आकार उल्टे कोण जैसा है। कुतुबमीनार के निर्माण में मुगल कालीन वास्तु शैली का प्रयोग किया गया है। इतिहास में बनी यह इमारत मुगलकालीन वास्तुकला की सबसे सर्वश्रेष्ठ इमारत है।

मुग़ल साम्राज्य के वास्तुकारों और शिल्पकारों ने इसे बहुत ही बारीकी से बनाया है। इसमें उन्होंने छोटी सी छोटी बनावट की बारीकियों पर बहुत ही अच्छी नकाशी की है जिससे क़ुतुब मीनार की खूबसूरती में और भी सितारें लग गए है।

कुतुब मीनार की के अंदर क्या है?

क़ुतुब मीनार बहार से देखने में तो खूबसूरत है, ही लेकिन यह मीनार अंदर से भी बहुत सुन्दर है। इसे देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते है इसके हर मंजिल में बालकनी भी बनाई गई है। जिससे बहार देखने पर बहुत सुन्दर दृश्य दिखाई देता है।

कुतुब मीनार से संबंधित कुछ प्रश्नऔर उनके उत्तर :-

क़ुतुब मीनार कहाँ स्थित है ?

कुतुब मीनार का दिल्ली में स्थित है।

क़ुतुब मीनार का आकर कैसा है ?

Kutub Minar का आकर उल्टे कोन के अकार का है।

क़ुतुब मीनार का निर्माण कब किया गया?

कुतुबद्दीन ऐबक के माध्यम से क़ुतुब मीनार का निर्माण 1193 में किया गया।

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