(Religion) जीवन में धर्म का महत्व Importance of Religion | religion in India

विश्व में अनेक धर्म प्रचलित है। हालांकि सभी धर्म एक अच्छा इंसान बनने की सीख प्रदान करता है। हर धर्म में मनुष्य को इंसानियत के प्रति दयाशील बनना मानवता से प्यार करना बताया गया है। यहाँ हम आपको बताएंगे (religion) जीवन में धर्म का महत्व क्या है ? धर्म क्या है ? इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। Importance of Religion से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए –

जीवन में धर्म का महत्व
जीवन में धर्म का महत्व

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(Religion) धर्म क्या है ?

क्या आप जानते है धर्म क्या है ? जानकारी के लिए बता दें धर्म मनुष्य जीवन जीने का वह परम साधन है, जो मनुष्य को न केवल मोक्ष तक ले जाने के काम आता है, बल्कि ईश्वर के दर्शन और ईश्वरत्व तक प्राप्त करने के मार्ग पर चलाता है। जबकि मोक्ष और ईश्वरत्व केवल ज्ञान से ही, ज्ञान में ही संभव है। धर्म का अर्थ कर्मकांड और पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि धर्म का अर्थ होता है कर्तव्य। राष्ट्र, समाज, परिवार और मानव मात्र के हित में जो करने योग्य है, वही धर्म कहलाता है।

इसी प्रकार कहा जा सकता है धर्म एक पालन है जिसका पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और नहीं करने से नर्क की। धर्म की संस्था विभिन्न समाजों में किसी न किसी रूप में पायी जाती है। धर्म की आवश्यकता समाज में उस में पायी जाने वाले विश्वासों और क्रियाओं मात्र में निहित नहीं है अपितु धर्म मानव की अनेको सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता आया है। एहि कारण है की हिन्दू समाज में धर्म को जीवन का अभिन्न अंग माना जाता है।

धर्म ही संसार को धारण किये हुए मनुष्य का सच्चा मित्र है। धर्म के आधार पर ही मनुष्य कर्तव्य का निर्णय करता है। धर्म ही एक ऐसी धारणा है जिसने कि हिन्दुओं की विचार शक्ति तथा व्यवहार की क्रियाओं को प्राचीन काल से नियंत्रित किया है। धर्म शब्द इतना विस्तृत है कि यह व्यक्तियों की समस्त क्रियाओं एवं विकास को अपने में समाहित कर लेता है।

धर्म की परिभाषा क्या है ? | What is the definition of religion?

हिन्दू धर्म का अर्थ अंग्रेजी शब्द रिलिजन से भिन्न है। रिलिजन शब्द के अर्थ दैवीय विनिमय या मनुष्य मानवेतर के सम्बन्ध से है। परन्तु धर्म शब्द धृ धातु से बना है जिसका अर्थ धारण करना या रक्षा करना होता है। धर्म ही वह प्रतिमान है जो कि विश्व को धारण किये हुए है। धर्म किसी भी वस्तु का वह मूल तत्व है जिस आधार पर उस वस्तु को समझा जा सकता है। उदाहरण द्वारा समझिये – माना एक लेखनी का धर्म लिखना है क्योंकि अगर इससे लिखने का कार्य न हो तो यह केवल लकड़ी मात्र रह जाती है।

धर्म के संकुचित अर्थ उसमें पाए जाने अनुष्ठानो में है। परन्तु जीवन की समस्त क्रियाएं धर्म के व्यापक अर्थ में समाहित होती है। डॉ० राधाकृष्णनन महोदय ने धर्म की व्याख्या करते हुए लिखा है कि -” यह धृ धातु से ( बनाये रखना, पुष्ट करना, धारण करना) यही वह मानदंड है जो विश्व को धारण करता है, किसी भी वस्तु का वह मूल तत्व जिससे वह वस्तु है। वेदों में इस शब्द का प्रयोग धार्मिक विधियों के अर्थ में किया गया है।

Importance of Religion 2023 Highlights

उम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको जीवन में धर्म का महत्व के विषय में जानकारी देने जा रहें है। जिनके विषय में आप नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते है। ये सारणी निम्न प्रकार है –

आर्टिकल का नाम जीवन में धर्म का महत्व
साल2023
कैटेगरीधर्म का महत्व
देश का नामभारत
राष्ट्रभाषाहिंदी
लिपिदेवनागिरी

भारत देश में विभिन्न धर्म (different religions in India)

जैसे कि आप सभी जानते है भारत देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते है। यहाँ हम आपको बताएंगे भारत देश में किन-किन धर्मों के लोग रहते है। हालांकि सभी धर्मों की अपनी अलग-अलग मानयताएं है। जिनके बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहें है। जानिए क्या है पूरी -जानकारी

  • हिन्दू धर्म (Hindu religion) – हिन्दू धर्म का कहना है कि संसार में केवल एक ही धर्म है और वह है शाश्वत सनातन धर्म। प्राचीनकाल से जो धर्म चला आ रहा है, उसी धर्म को स्नातन धर्म कहा जाता है।
  • इस्लाम धर्म (Islam religion) – इस्लाम धर्म की बात करें तो जानकारी के लिए बता दें इस्लाम धर्म कुरान पर आधारित है। मुसलमान लोग ही इस्लाम धर्म के अनुनायी है। इस्लाम धर्म में भगवानो की मूर्ति की पूजा करना मना है। कोई भी मुसलमान मूर्ति की पूजा नहीं करता है अगर कोई मुसलमान व्यक्ति भगवानो की मूर्तियों की पूजा करता है तो वह मुसलमान नहीं कहलायेगा। इस्लाम शब्द अरबी भाषा का। इसका उच्चारण स्लम है। जिसका अर्थ शांत होना होता है।
  • जैन धर्म (Jainism) – भारत में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले रहते है। इसी प्रकार जैन धर्म भी एक धर्म है। भारत में जैन धर्म के बहुत से लोग रहते है। जैन धर्म का मत है कि जैन धर्म अनादि काल से चला आ रहा है और यह अनंत काल तक चलेगा।
    जैन धर्म का मानना है कि भगवान् को अलग से नहीं होते है व्यक्ति स्वयं शुद्धात्मा से साधना करके भगवान् बन सकता है।
  • बौद्ध धर्म (Buddhism) – बौद्ध धर्म ऐसे व्यक्तियों का धर्म है जिसमे भगवान् की पूजा नहीं की जाती है। अर्थात बौद्ध धर्म नास्तिकों का धर्म है बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है व्यक्ति का कर्म ही उसके जीवन में सुख और दुःख लाता है। सभी कर्म चक्रो से मुक्त हो जाना ही मोक्ष है।
  • सिख धर्म (Sikhism) – भारत में सिख धर्म के व्यक्ति भी रहते है। यह केवल एक ही ईश्वर में आस्था रखते है। सिख धर्म के लोग निडर, बराबरी, सहनशीलता, बलिदान के नियमों पर चलते हुए और अपने एक अलग व्यक्तित्व के साथ जीवन जीते है। सिख धर्म का ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब है।
  • ईसाई धर्म (Christianity) – सभी धर्मो के साथ साथ ईसाई धर्म के लोग भी भारत देश में निवास करते है। ईसाई धर्म के लोगो का पवित्र ग्रन्थ बाईबल है। ईसाई पंथ बाईबल पर ही आधारित है।

जीवन में धर्म का महत्व (importance of religion in life)

हिन्दू धर्म प्राचीन धर्मों में से एक है जिसकी उत्त्पति प्रागैतिहासिक काल से मानी जाती है। हालांकि संसार में विभिन्न धर्मो के लोग निवास करते है। एशिया के अलग-अलग भागो में विभिन्न धर्मो का जन्म हुआ है। एक बात और है कि हर धर्म ने मानव को भाईचारे और इंसानियत का पाठ पढ़ाया। सभी धर्मों का एक ही सन्देश है जो निम्न प्रकार है –

  • सहनशील बनो
  • मानवता से प्यार करो
  • सभी के प्रति अच्छा आचरण करो
  • जीवन मात्र के प्रति उदार बनो
  • सभी मानव दयाशील बने
  • प्रत्येक प्राणी के प्रति दयाभाव रखें

इतिहास हमे बताता है कि सभी धर्मो में हिन्दू धर्म सबसे पुराना धर्म है। हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम और ईसाई धर्म का जन्म हुआ और चीन में कन्फ्यूशियस धर्म का जन्म हुआ। जितने धर्म भारत में पाए जाते है इतने अधिक धर्म पूरे विश्व में कहीं नहीं पाए जाते है। जिन्होंने हिन्दू धर्म की जटिलताओं को स्वीकार नहीं किया उन्होंने अपना धर्म अलग से ही बना लिया। फिर लोगो ने अपने-अपने धर्म के प्रति रुचि पैदा करने की कोशिश की। इन धर्मो में जैन धर्म और बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म थे।

चीन में कन्फ्यूशियस धर्म और ईरान में पारसी धर्म प्रचलित है। इजराइल में यहूदी धर्म प्रचलित है। जबकि भारत, पकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, अफगानिस्तान तथा अरब देशों के अतिरिक्त लगभग सभी देशों में इस्लाम धर्म प्रचलित है। पूर्व सभी देशों में ईसाईयों की संख्या बहुत अधिक है। ईसाई धर्म विश्व का सबसे बड़ा धर्म है। ईसाईयों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। सभी अशिक्षित या अविकसित समाजों को एक धर्म के रूप में जाना जाता है।

सही अर्थों में धर्म के बिना किसी आदिम समाज का कोई अस्तित्व नहीं है। धर्म दो जड़ों वाले लेटिन शब्द से बना है। पहली जड़ लेग है जो एक साथ निरीक्षण को दर्शाती है और दूसरी जड़ लिग है जो बाँधने के लिए दर्शाती है। आस्था सभी धर्मो का केंद्र है और यह सभी मनुष्यों को एक साथ उनकी अस्थायी नींव से बांधती है। धर्म भी एक रहस्यमय और अलौकिक शक्ति में विश्वास करता है और यह शक्ति धर्मो द्वारा तैयार की गई गतिविधियों में व्यक्त करती है। संख्या के आधार पर हम किसी भी धर्म को छोटा या बड़ा नहीं कह सकते है।

जो लोग सच्चे मन से अपने अपने धर्मों का पालन करते है, वे किसी अन्य धर्म का विरोध नहीं करते। क्योकि वह अच्छी तरह से जानते है कि सभी धर्मों का सार और उद्देश्य एक ही है। आज के समय में जो लोग अपने अपने धर्म की आड़ लेकर एक-दूसरे खून के प्यासे है, वे वास्तव में न तो धर्म के मर्म को जानते है और न ही जानने की कोशिश करते है। वे तो धर्म के नाम पर मार-काट और लूट-खसोट करना जानते है। ऐसे लोग वास्तव में धर्म के विरुद्ध कार्य करते है। ऐसे लोगो का समाज से बहिष्कार होना चाहिए।

भारतीय धर्म और संस्कृति (Indian religion and culture)

जानकारी के लिए बता दें प्रत्येक राष्ट्र की अपनी एक संस्कृति होती है। जिसका निर्माण उसके अग्रगण्य नेताओं के द्वारा असंख्य वर्षों में संपन्न होता है। उस संस्कृति की रक्षा करने के राष्ट्र जीता और मरता है, क्योंकि अगर संस्कृति ही नहीं रही तो राष्ट्र की सत्ता का कोई महत्व नहीं रह जाता। भारतीय संस्कृति संसार की अन्य सांस्कृतियों से अनेक बातों में उत्कृष्ट है। गांधी जी का मत है कि – कोई संस्कृति इतने रत्न भण्डार से भरी हुई नहीं है, जितनी हमारी अपनी संस्कृति है।

Importance of Religion से जुड़े कुछ प्रश्न और उनके उत्तर

धर्म क्या है ?

धर्म मनुष्य जीवन जीने का वह परम साधन है, जो मनुष्य को न केवल मोक्ष तक ले जाने के काम आता है, बल्कि ईश्वर के दर्शन और ईश्वरत्व तक प्राप्त करने के मार्ग पर चलाता है। जबकि मोक्ष और ईश्वरत्व केवल ज्ञान से ही, ज्ञान में ही संभव है।

जीवन में धर्म का क्या महत्व है ?

जीवन में धर्म का अत्यधिक महत्व होता है। संसार में विभिन्न प्रकार के धर्म प्रचलित है। लेकिन हिन्दू धर्म सबसे पुराना धर्म है। हिन्दू धर्म में एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा दी जाती है। सभी धर्म मनुष्य को मानवता से प्यार करना, दयाशील बनना आदि का सन्देश देता है। हमारे जीवन में धर्म का अत्यधिक महत्व है।

धर्म का अर्थ क्या है ?

धर्म का अर्थ कर्मकांड और पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि धर्म का अर्थ होता है कर्तव्य।

सबसे प्राचीन धर्म कौन सा है ?

कई विद्वानों के अनुसार -हिन्दू धर्म सबसे प्राचीन धर्म है।

धर्म क्या सन्देश देते है ?

सभी धर्म मनुष्य को निम्न सन्देश देते है –
सहनशील बनो
मानवता से प्यार करो
सभी के प्रति अच्छा आचरण करो
जीवन मात्र के प्रति उदार बनो
सभी मानव दयाशील बने
प्रत्येक प्राणी के प्रति दयाभाव रखें
भाईचारे का सन्देश
शान्ति और प्रेम का सन्देश

भारत में किन-किन धर्मो की लोग रहते है ?

भारत देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते है। यहाँ हम आपको बताएंगे भारत देश में किन-किन धर्मों के लोग रहते है। हालांकि सभी धर्मों की अपनी अलग-अलग मानयताएं है। यहाँ हिन्दू धर्म, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म, पारसी धर्म और इस्लाम धर्म के लोग रहते है। सभी लोग मिल जुलकर प्रेम से रहते है। भाईचारे की भावना से एक-दूसरे का साथ देते है।

धर्म हमे क्या सिखाता है ?

धर्म हमे रहन-सहन का तरीका और मिलजुलकर प्रेम और सद्भाव से रहना सिखाता है।

जैसे कि इस लेख में हमने आपसे Importance of Religion और जीवन में धर्म के महत्व से सम्बंधित अनेक जानकारी साझा की है। अगर आपको इन जानकारियों के अलावा अन्य कोई भी जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नों के उत्तर अवश्य दिए जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।

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