Holi Essay in Hindi-होली हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली रंगो का त्यौहार है। होली के पर्व को सभी लोग धूमधाम से मनाते है। यह मौसमी पर्व है और हिन्दुओ को आनंद देने वाला है। जैसा कि आप सभी जानते है हर त्यौहार को मनाने के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा और मान्यता होती है। होली मनाने के पीछे भी एक कहानी है। भारत में सभी लोग होली के पर्व पर एक दूसरे को गुलाल रंग लगाते है और गले मिलते है। इस त्यौहार पर सभी घरो में अलग अलग प्रकार के व्यंजन बनाये जाते है। सभी लोग अच्छे से खाते-पीते है और नाच-गाना करते है। भारत के विभिन्न भागो में होली के त्यौहार को अलग-अलग तरीके से खेला जाता है।

Holi Essay in Hindi 2023 Highlights
यहाँ हम आपको होली से सम्बंधित कुछ विशेष जानकारी देने जा रहें है। इन जानकारियों को आप नीचे दी गई सारणी के माध्यम से प्राप्त कर सकते है। जानिये नीचे दी गई सारणी के माध्यम से –
आर्टिकल का नाम | Holi Essay in Hindi |
साल | 2023 |
पर्व का नाम | होली |
अन्य नाम | फगुआ, धुलेंडी |
कब मनाया जाता हैं | फाल्गुन माह में |
इस वर्ष होली पर्व की तिथि | 18 मार्च |
उत्सव | रंगो का ,नाचने-गाने का |
उद्देश्य | मनोरंजन, मौज-मस्ती करना |
दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)
होली कब मनाई जाती है ? Holi Essay in Hindi
रंगो का त्यौहार होली, हिन्दुओ के पांच बड़े पर्वो में से एक है। यह पर्व फाल्गुनी पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात चैत्र कृष्ण प्रतिप्रदा में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बच्चो के साथ-साथ बड़े भी होली के त्यौहार का खूब आनंद लेते है। होली का त्यौहार दो दिन का होता है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंगो से होली खेली जाती है। यह त्यौहार आपसी द्वेष मिटाने का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व पर लोग आपसी क्लेश को भूलकर मिल-जुलकर होली का त्यौहार मनाते है और फिरसे दोस्ती का हाथ बढ़ाते है।
होलिका दहन की कहानी
क्या आप जानते है होली क्यों मनाई जाती है ? आज से काफी समय पहले हिरण्यकश्यप नाम के राक्षस ने ब्रह्म देव की तपस्या करके उनसे वरदान माँगा कि ब्रह्म देव मुझे वरदान दो मैं हमेशा अमर रहूं। ब्रह्मदेव ने कहाँ- मैं तुम्हे यह वरदान नहीं दे सकता। जब ब्रह्मदेव ने हिरण्यकश्यप को वरदान देने से मना कर दिया तो हिरण्यकश्यप ने दूसरा वरदान माँगा कि –ब्रह्मदेव मुझे वरदान दो कि मुझे संसार में रहने वाला कोई भी जीव-जंतु, राक्षस, देवी-देवता और मनुष्य मार न पाए साथ ही मैं न दिन में मरू और न रात के समय, न तो पृथ्वी पर और न ही आकाश में, न तो घर के अंदर न ही बाहर, न तो शस्त्र से मरू और न ही अस्त्र से।
Holi Essay in Hindi
हिरण्यकश्यप की तपस्या ब्रह्म देव खुश थे इसलिए अमरता के एक वरदान के बदले उन्होंने ये सारे वरदान उसे दे दिए। इस वरदान को पाकर हिरण्यकश्यप ने चारो तरफ तबाही मचानी शुरू कर दी। हिरण्यकश्यप से न केवल मनुष्य बल्कि देवता भी परेशान रहने लगे। वह अपनी शक्तियों से दुर्बलों को सताने लगा। जिससे बचने के लिए उन्हें हिरण्यकश्यप की पूजा करनी पड़ती थी। जो भी मनुष्य भगवान की जगह हिरण्यकश्यप की पूजा करता वो उसे छोड़ देता था और जो उसे भगवान मानने से मना करता वो उसे मरवा देता या फिर अन्य सजा देता। समय के साथ -साथ हिरण्यकश्यप का आतंक बढ़ता गया।
कुछ समय बीतने के बाद हिरण्यकश्यप के घर भगवान विष्णु के परम भगत प्रह्लाद का जन्म हुआ। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को कई बार विष्णु की पूजा करने से मना किया और कहा – मै ही भगवान् हूँ। मेरी आराधना करो। हिरण्यकश्यप की बात सुनकर प्रह्लाद कहते -मेरे केवल एक ही भगवान् है और वह भगवान् विष्णु है। प्रह्लाद की बाते सुनकर हिरण्यकश्यप ने उन्हें मारने की कई बार कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हो सका। भगवान हर बार अपनी शक्ति से हिरण्यकश्यप के सारे प्रयास विफल कर देते थे। एक दिन हिरण्यकश्यप के घर उसकी बहन होलिका आई। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था।
उसे पास एक कंबल था जिसे लपेटकर अगर वो आग में चली जाये तो आग उसे जला नहीं सकती थी। हिरण्यकश्यप को अपने बेटे से परेशान देखकर होलिका ने कहा – भैया मैं प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ जाउंगी। जिससे वह जल जाएगा और आपकी परेशानी खत्म हो जाएगी। हिरण्यकश्यप ने इस षड्यंत्र के लिए हामी भर दी। होलिका अपनी गोद में प्रह्लाद को बैठाकर आग में बैठ गई। उसी वक्त भगवान् की कृपा से होलिका का कम्बल प्रह्लाद के ऊपर आ गया और होलिका जलकर ख़ाक हो गई।
लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। जिस दिन होलिका आग में जलकर भस्म हो गई थी। उसी दिन को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है।
होली के दिन बनने वाले पकवान Holi Essay in Hindi
जैसा कि आप सभी जानते है होली का पर्व मुख्य रूप से हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारा में से एक है। लेकिन इस त्यौहार को सभी भारतीय बहुत ही उत्सुकता से मनाते है। इस पर्व के शुभ दिन पर सभी अपने अपने घरो में अलग-अलग तरह के पकवान बनाते है। जैसे गुजिया, पकोड़े, आदि।
होली का महत्व
होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्यो को उबटन लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि उस दिन उबटन लगाने से मनुष्य के सभी रोग दूर हो जाते है। गाँव के सभी घरो से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगो के सभी विकार भी जलकर नष्ट हो जाते है। होली के कोलाहल में शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिन करके आपसी दुश्मनी को भूल जाते है।
वर्तमान में होली का रूप Holi Essay in Hindi
वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्रोंकी युवा लोग इसके महत्व ना समझकर, नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे है। आजकल के युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करते है। कुछ लोगो को तो इससे गंभीर नुक्सान भी हो जाते है। इस दिन युवाओ में लड़ाई झगड़ा दो आज के समय में आम बात हो गई है। लोग होली के त्यौहार पर दुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने लगे है। आजकल युवा लोग रंग की जगह पर गोबर, नाली का पानी और पक्के रंगो का इस्तेमाल करते है जो कि होली की शोभा को धूमिल करते है। ऐसी तरह ी सभी चीजे होली के त्यौहार की छवि को खराब कर रही है। हमे लोगो को जागरूक करना होगा।
होली के दिन ध्यान रखने योग्य बातें Holi Essay in Hindi
जैसे कि आप सभी जानते है होली के त्यौहार का बच्चो से लेकर बड़ो तक सभी को उत्सुकता से इंतज़ार रहता है। होली खेलते हुए आपको कुछ सावधानियां बर्तनी चाहिए वरना होली खेलते समय आपको चोट भी लग सकती है साथ ही होली के रंगो से आँखों, बालो और त्वचा को हानि हो सकती है। होली के त्यौहार पर ध्यान रखने योग्य बाते निम्न प्रकार है –
- त्वचा की सुरक्षा के लिए विशेष देखभाल आवश्यक है। जब भी आप होली के दिन रंग से खेलने के लिए घर से बाहर निकलें उससे पहले अपनी त्वचा पर कोई तेलीय क्रीम या फिर तेल, घी या मलाई लगाकर निकलें, ताकि त्वचा पर रंगो का विपरीत असर न पड़े।
- बालो को रंग से बचाने का पूरा प्रयास करें। रंग आपके बालो को रूखा, बेजान और कमजोर बना सकते है। इसकी वजह से आपके बालो का पोषण भी छीन सकता है।
- यदि रंग खेलते समय आँखों में रंग चला जाए तो आपको तुरंत अपनी आँखों को साफ़ पानी से धो लेना चाहिए। यदि आँखे धोने के बाद भी तेज जलन हो तो बिना देरी किये आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- अगर आँखों पर गलती से गुब्बारा लग जाए या खून निकल आए तो पहले सूती कपडे से आँखों को ढकें या फोहा लगाए। इसके बाद डॉक्टर को जरूर दिखाए।
- बाजार के हरे रंग से होली खेलते समय ध्यान रखें, इसमें कॉपर सल्फेट पाया जाता है। जो आँखों में एलर्जी, सूजन अंधापन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें।
- सिल्वर चमकीले रंग का इस्तेमाल न करें। इसमें एलुमीनियम ब्रोमाइड होता है।
होली का वर्णन Holi Essay in Hindi
होली का पर्व होली की रात से एक दिन पहले से शुरू हो जाता है। इस दिन लोग उपलो और लकड़ियों का ढेर लगाते है। फिर शुभ घडी में इस ढेर यानि, होलीअ में आग लगा दी जाती है। इसी आग में लोग नए अनाज की बाली भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते है। होलिका दहन का अगला दिन रंग-भरी होली का दिन होता है। इसे धुलैंडी भी कहते है। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे -बड़े, बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते है और एक दूसरे पर डालते है। सड़को पर युवको की टोली गाती बजाती निकलती है।
एक दूसरे को मिठाइयां हिलाते है और रंग लगाते है और अमीर-गरीब, ऊँच-नीच का भेद भुलाकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नजर आते है। बहुत से लोग भांग और ठंडाई भी पीते है। घर की महिलायें बहुत सारे पकवान बनाती है जैसे गुजिया, पापड़, पूड़ी, कचौड़ी आदि। ये सब पकवान बनाकर दोपहर से ये लोग भी होली खेलना प्रारम्भ करती है। बच्चे भी सुबह उठते ही उत्साह के साथ होली खेलने के लिए मैदान में आ जाते है।
उपसंहार Holi Essay in Hindi
होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमे भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। यह एक ऐसा त्यौहार है जो हर धर्म सम्प्रदाय जाति के बंधन की सीमा से प्रे जाकर लोगो को भाईचारे का सन्देश देता है। इस दिन सभी लोग अपने गिले शिकवे भूलकर गले मिलते गए। हमे इस बात को समझना होगा कि होली मिल जुलकर प्रेम से रहने और जीवन के रंगो को अपने भीतर आत्मसात करने का त्यौहार है।
वर्तमान में भटके हुए युवाओ को हमे इस त्यौहार के महत्व और विशेषताओ के बारे में बताना चाहिए ताकि उनके विचार बदले और हमारे इस सौहादपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे। होली का त्यौहार हमे हमेशा अच्छे मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह त्यौहार सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार के कारण लोगो में सामाजिक एकता की भावना प्रबल होती है।
होली पर निबंध सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर Holi Essay in Hindi
साल 2023 में होली का पर्व कब मनाया जाएगा?
साल 2023 में होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा।
प्रह्लाद किसकी पूजा करते थे ?
प्रह्लाद भगवान् विष्णु की पूजा करते थे।
होली कितने दिन का पर्व है ?
होली दो दिन का पर्व है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंगो की होली खेली जाती है।
हिरण्यकश्यप किसकी आराधना करता था ?
हिरण्यकश्यप ब्रह्म देवता की आराधना किया करता था।
हिरण्यकश्यप की बहन कौन थी ?
होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी।
जैसे कि इस लेख में हमने आपसे होली पर निबंध के बारे में जानकारी दी है। अगर आपको होली पर निबंध से जुडी अन्य कोई भी जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए ये कमेंट सेक्शन में मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नो के उत्तर अवश्य दिए जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी।