फीचर लेखन किसे कहते हैं | what is Feature Writing

संपादकीय के विषय में फीचर लेखन एक बहुत ही महत्वपूर्ण लेखन प्रक्रिया है, feature शब्द को हिंदी में हम “रूपक” भी कहते हैं। यह शब्द लैटिन भाषा के “फ़ैक्ट्रा” शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ है की आकृति, विशिष्ट रचना या वस्तु का स्वरूप इत्यादि। फीचर लेखन को अनेक विद्वानों के द्वारा अपने-अपने शब्दों में परिभाषित किया गया है लगभग सभी विद्वानों की परिभाषाएं किसी न किसी एक विशेषता पर बल देती हैं। सामान्य तौर पर “किसी भी प्रकरण संबंधी विषय पर प्रकाशित आलेख लिखने को फीचर कहते हैं।”

आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे की फीचर लेखन (feature writing) किसे कहते हैं ? फीचर लेखन की परिभाषा क्या है ? feature writing कितने Type के होते हैं ? तथा फीचर लेखन के उदाहरण। इन सभी विषयों के ऊपर हम विस्तृत चर्चा करेंगे इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

फीचर लेखन की परिभाषा (Definition of feature writing)

विभिन्न विद्वानों के द्वारा अपने-अपने अनुसार अलग-अलग तरह की परिभाषाओं को दिया है जिनमें से कुछ विद्वानों के कथन निम्न हैं :-

  • डी. एस. मेहता द्वारा :- डी. एस. मेहता के अनुसार रोचक तथ्यों की सविस्तार व मनोरम प्रस्तुति ही फीचर है, फीचर का उद्देश्य मनोरंजन करना, सूचना देना व जनता को जागरूक करना है। फीचर का अंतिम लक्ष्य प्रशिक्षण तथा मार्गदर्शन करना है।
  • डॉ. अर्जुन तिवारी :- डॉ. अर्जुन तिवारी जी के अनुसार जब मानवीय रुचियों के विषयों पर सीमित समाचार जब चटपटा लेख बन जाता है तो वह फीचर (feature) की संज्ञा ले लेता है।

इसे भी देखें >>> संवाद लेखन की परिभाषा

  • बी.डी. टंडन के तहत :- बी.डी. टंडन के अनुसार फीचर एक प्रकार का गधगति है जो मनोरंजक हो सकता है लेकिन लम्बा और गंभीर नहीं हो सकता है।
  • डॉ. मधु धनन के तहत :- इनके अनुसार फीचर (feature) को शब्द चित्र भी कहते हैं, यानी की फीचर लेख एक ऐसा शब्द चित्र होता है जिसमें तथ्यों तथा विषयों को स्पष्ट एवं प्रभावशाली विश्लेषण ढंग से प्रदर्शित किया जाता है।
  • डॉ. विजय कुलश्रेष्ठ के तहत :- इनके द्वारा कहा गया कि फीचर एक ऐसा प्रकाश चिन्ह है जो समाचार के परिवांशो से समाचार रहित वैचारिक क्षितिज का मनोरंजन स्पर्श को लेकर सरस एवं संक्षिप्त अभिव्यक्ति से संपन्न होता है।

फीचर लेखन को हम चार चरणों में लिख सकते हैं :-

  1. विषय वास्तु का चयन कर
  2. सामग्री का चयन कर
  3. फीचर का चयन कर
  4. शीर्षक तथा निष्कर्ष

फीचर लेखन के प्रकार (types of feature writing)

फीचर लेखन के निम्नलिखित प्रकार हैं :-

  • मानवीय रुचिपरक फीचर – मानवीय रुचियाँ कभी भी समान नहीं होती हैं, सामूहिक रूप से किसी समुदाय अथवा समाज की सामान्यतः व्यवहार तथा रुचियों में समानता के कतिपय बिंदु निर्धारित किए जाते हैं। इन्हीं को आधार मानकर अभिरुचियों के विभिन्न विषयों पर लिखे गए फीचर को मानवीय रुचिपरक फीचर कहते हैं।
  • समाचार फीचर – जिन भी फीचरों का संबंध सीधे तौर पर समाचार से होता है उन्हें समाचार feature कहते हैं। इस तरह के फीचर में घटना और उसके मुख्य तथ्यों पर विश्लेषण किया जाता है। इस प्रकार के लेखन में मूल समस्या का कलात्मक ढंग से लिखा जाता है। दैनिक समाचार पत्रों के साथ पत्रिकाओं में भी इस तरह के फीचर आज की जरूरत बन गयी है।
  • व्याख्यात्मक फीचर – समाचार पत्रों में प्रेषित समाचार कभी-कभी ऐसे भी होते हैं जिसमें घटना तथा तथ्यों की व्याख्या करना अतिआवश्यक होता है राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व आर्थिक स्थितियों की अनेक प्रकार से विवेचना करते हैं तो ऐसे Feature को व्याख्यात्मक फीचर कहते हैं।
  • ऐतिहासिक फीचर – इतिहास के बारे में जानने की रुचि लगभग सभी को होती है इसी जिज्ञासा और स्वाभाविक अभिरुचि के लिए तथ्य के आधार पर कथात्मक प्रस्तुतिकरण ऐतिहासिक फीचर कहलाता है।
  • विज्ञान फीचर – वर्तमान समय में पत्र पत्रिकाओं में विज्ञान संबंधी समाचारों एवं नए आविष्कारों के बारे में जानकारी का प्रकाशन अब अनिवार्य हो गया है। विज्ञान की उपलब्धियां, चिकित्सा जगत की नयी खोज, खगोलीय घटना, इंटरनेट तथा संचार क्रांति से जुड़े विषयों पर फीचर लिखना विज्ञान फीचर कहलाता है।
  • खेलकूद फीचर – समाचार पत्रों में खेल के प्रति युवा काफी ज्यादा रुचिकर होते हैं। किसी राष्ट्रीय पर्व अथवा विशेष स्थिति में भले ही पाठकों का ध्यान इस विषय पर कम जाए लेकिन फिर भी पाठकों की संख्या खेलकूद की समाचारों के प्रति अधिक है चाहे वह खिलाडी हो या नहीं। इसलिए समाचारों में खेलकूद से संबंधित फीचरों को खेलकूद फीचर कहते हैं।
  • पर्वोत्सवी फीचर – भारत देश एक बहु विविधताओं वाला देश है जिसमें समय-समय पर समाज अथवा लोकजीवन में अनेक पर्व तथा उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाये जाते हैं , बहुत सारे पर्वों तथा उत्सवों को राष्ट्रीय स्तर पर मनाते हैं तथा कुछ उत्सवों को राज्य अथवा क्षेत्रीय स्तर पर मनाते हैं। इन सभी पर्वों की अपने आप में कुछ न कुछ इतिहास तथा कहानियां होती है, इन्हीं सब को जोड़कर प्रासंगिक बनाने के लिए इस feature का प्रयोग किया जाता है।
  • विशेष घटनाओं पर आधारित फीचर – देश अथवा विश्व में बाढ़, युद्ध, हवाई दुर्घटना, बम विस्फोट इत्यादियों पर आधारित फीचर सभी अख़बारों को विशिष्ट बना देते हैं। इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में भी अब इस प्रकार के feature काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
  • व्यक्तिगत फीचर – किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के व्यक्तित्व पर कृतित्व पर या उसकी किसी सामयिक उपलब्धि पर आधारित feature इसी फीचर में आते हैं।
  • लोकभिरूचि फीचर – इस फ़ीचरो में उन तथ्यों को समावेशित किया जाता है जिनसे की व्यक्ति प्रमुदित होकर रुची ले। हल्के फुल्के जन रुची के मनोरंजक विषय इसमें शामिल किए जा सके।
  • सांस्कृतिक फीचर – देश की तथा राज्यों की कला संस्कृति परम्पराओं से जुड़े मुद्दों पर लिखे गए फ़ीचरो को सांस्कृतिक फीचर कहते हैं। यह Feature पाठकों को देश के विभिन्न क्षेत्रों के जाने अनजाने संस्कृति से परिचय कराते हैं।
  • साहित्यिक फीचर – साहित्य तथा उससे जुड़े मुद्दों पर फीचर लेखन को साहित्यिक फीचर कहते हैं। इनके माध्यम से सुरुचिपूर्ण पाठकों के लिए बौद्धिक तथा साहित्यिक मुद्दों पर नए समाचार मिलते हैं।
  • फोटो फीचर – फोटो Feature किसी भी घटना पर केंद्रित होता है। घटना का संबंध क्षेत्र समाचार, विश्लेषण, सूचना, समीक्षा तथा हस्ती आदि से कुछ भी हो सकता है, इसमें केवल यह महत्वपूर्ण होता है की इसमें प्रस्तुत किए गए तथ्यों व विवरणों के साथ चित्र भी प्रकाशित किए जाते हैं।

फीचर लेखन की विधा

  • पत्रकारिता की एक महत्वपूर्ण विधा फीचर लेखन है।
  • समाचार लेखन के विपरीत फीचर लेखन होता है।
  • समाचार को हम तात्कालिक घटनाओं पर लिखते हैं, जबकि Feature अकस्मात आने वाले समाचारों पर निर्भर होता है।
  • लेकिन वर्तमान में फीचर की परिभाषा बदल गयी है।
  • फीचर एक अंग्रेजी शब्द है जिसको हिंदी में रूपक कहते हैं, लेकिन वर्तमान में भी रूपक के स्थान पर फीचर शब्द ही प्रचलित है।
  • फीचर वह रचना है जिसके माध्यम से लेखक पाठकों को अपने अनुभव तथा अपने से भिन्न व्यापक जनसमूह की भावना से साक्षात्कार करवाता है।
  • पुरानी मान्यताओं के अनुसार जो समाचार नहीं है वह Feature है। लेकिन वर्तमान में ऐसा बिलकुल भी नहीं है।
  • प्रसिद्ध अमेरिकन पत्रकार रॉबर्ट रिचर्ड्स के अनुसार मानवीय संवेदनाओं का संस्पर्श ही अच्छे फीचर का रहस्य है।
  • कुछ विद्वानों का मानना है की भावनाओं तथा मन को प्रेरित करने वाला लेख feature है।
  • और वास्तव में फीचर मानव भावना जैसे – प्रेम, करुणा तथा घृणा के आस पास घूमता है।
  • किसी भी रोचक विषय का मनोरंजक शैली में विवेचना ही फीचर कहलाता है।
  • फीचर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली किसी विशेष घटना, व्यक्ति, जीव तथा जंतु और स्थानीय परिवेश से संबंधित आलेख है।
  • भारत देश में पत्रकारिता का जन्म आजादी के आंदोलन में एक हथियार के रूप में हुआ था।

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फीचर लेखन की विशेषताएं

एक अच्छे फीचर लेखन की कुछ विशेषताएं भी होती हैं जो की हमारे द्वारा नीचे बताए गए हैं :-

  • फीचर मनोरंजक होना चाहिए।
  • यह ज्ञानवर्धक होना चाहिए।
  • यह मानवीय रुची के आधार पर होना चाहिए।
  • फीचर की चित्रात्मक भाषा शैली होनी चाहिए।
  • कल्पनाओं का समावेश भी जरूरी है।
  • यह ध्यान देने योग्य होगा की फीचर लम्बा व घुमावदार नहीं होना चाहिए।
  • फीचर ऐसा होना चाहिए जिसमें रुची उत्पन्न हो।
  • यह भावनात्मक तथा तर्कसंगत होना चाहिए।
  • इसकी हमेशा गतिशील शैली होनी चाहिए।
  • यह थोड़ा विचित्र तथा रोचक भी होना चाहिए।
  • आपको यह ध्यान रखना होगा की तथ्य एवं उनके प्रभाव सही हो और आंकडा सही हो अन्यथा यह झूठा तथा अविश्वसनीय माना जाएगा।
  • फीचर में ज्ञान व भावना जगाने की कला भी निहित होनी चाहिए।

जर्नलिज्म में फीचर के प्रकार

जर्नलिज़्म में फीचर 7 प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हमारे द्वारा नीचे बताया गया है :-

  • राउंड अप फीचर आलेख (round up feature article)
  • प्रोफाइल फीचर आलेख (profile feature article)
  • हाउ टू फीचर आर्टिकल (How To Feature Article)
  • पर्सनल एक्सपीरियंस फीचर आर्टिकल (Personal Experience Feature Article)
  • ट्रेवल फीचर आर्टिकल (travel feature article)
  • रिव्यू फीचर आर्टिकल (review feature article)
  • ऑबिच्युरि फीचर आर्टिकल (obituary feature article)

फीचर लेखन की तकनीक

समाचार पत्र व पत्रिका में किसी विषय विशेष पर कई प्रधान लेख प्रकाशित होते हैं उन्हें फीचर कहते हैं। फीचर संवादों की गहराइयों में प्रवेश करता है। अगर हम देखें तो समाचार में संक्षिप्तता होती है लेकिन फीचर में विस्तार ही उसको प्रबल बनाता है। लेखन की एक विशिष्ट शैली फीचर है इसके तकनीकी के कुछ मुख्य आधार इस प्रकार से है :-

  • समाचार साधारण व जनभाषा में होता है जबकि फीचर एक विशेष वर्ग व विचारधारा पर केंद्रित होता है।
  • समाचार सभी पत्रों में एक जैसे स्वरूप के होते हैं क्योंकि इसके तथ्य परिवर्तनीय नहीं होते जबकि एक ही विषय पर अलग-अलग पत्रों में लिए गए फीचर अलग-अलग पेश करने के लिए होते हैं।
  • फीचर के साथ लेखक का नाम भी प्रस्तुत किया जाता है।
  • फीचर में साज सज्जा के साथ तथ्य व कल्पना का एक रोचक मिश्रण होता है।
  • किसी भी घटना के परिवेश, दूरगामी परिणाम तथा विविध प्रतिक्रियाएं फीचर में समाविष्ट होते हैं।
  • फीचर तथ्यों की खोज के साथ-साथ लक्ष्य प्रशिक्षण, मार्गदर्शन व मनोरंजन का को प्रस्तुत करता है।

फीचर लेखन और लेख में अंतर

  • लेख तथा फीचर लेखन में बहुत कुछ समानताएं भी हैं लेकिन फिर भी इन दोनों का अपना-अपना अस्तित्व है।
  • दोनों में हमें यह भी समानता देखने के लिए मिलती है कि दोनों की लेखन शैली समाचार लेखन से पूर्णतः भिन्न है।
  • एक लेख हमें शिक्षा देता है जबकि फीचर लेखन हमारे मनोरंजन करता है।
  • फीचर लेखन के लिए विशेष तौर पर भावनाओं, अवलोकनो तथा कल्पनाओं की आवश्यकता होती है।
  • फीचर में हम हास्य तथा कल्पना का भी सहारा ले सकते हैं।

फीचर के तत्व

  1. फीचर पाठकों को आकर्षित करने के लिए समर्थ और जिज्ञासा को निरंतर बढ़ाने वाला होना चाहिए तभी पाठकों के बीच रोचकता बानी रहेगी। फीचर में शिक्षण, सूचना तथा मनोरंजन तीनों का समन्वय कर सकते हैं।
  2. हमेशा ही फीचर सत्य पर आधारित होना चाहिए तथा तथ्यात्मक रूप से सही होना चाहिए। फीचर लेखक के द्वारा मौलिकता गहन तथ्यान्वेशन से फीचर में आती है।
  3. फीचर हमेशा ही सामाजिक जीवन के निकट तथा समसामयिक होना चाहिए तभी यह उपयोगी तथा प्रभावकारी होगा। एक फीचर का आकार छोटा हो लेकिन अपने आप में यह पूर्ण होना चाहिए।
  4. फीचर लेखक की शैली कभी भी सीधी नहीं होनी चाहिए यह हमेशा ही चित्रात्मक होनी चाहिए। चित्र फीचर का एक अतिआवश्यक गुण है यह चित्रात्मक लेखक की भाषा से आती है।
  5. फीचर को लिखते समय भाषा को हमेशा सरल, सहज तथा भावानुरूप होना चाहिए। तथा यह ध्यान रखना होगा की आप वाक्यों, शब्दों तथा विचारो में पुनरावृति न करें।

Feature Elements

  • इसमें कल्पना होनी चाहिए।
  • हमेशा ही सत्यता होनी चाहिए।
  • तथ्य और विचार होने चाहिए।
  • लेखन कला सबसे अच्छी होनी चाहिए।

फीचर लेखक के गुण

  1. लेखक में हमेशा निरीक्षण शक्ति अच्छी होनी चाहिए ताकि वह वस्तु को देखकर आत्मसात कर सके। इस तरह से फीचर लेखक उन तथ्यों तक आसानी से पहुँच सकता है जिन तक की सामान्य पाठक कभी भी नहीं पहुँच सकता।
  2. फीचर लेखक को बहुज्ञ, अध्ययनरत तथा कलम का भी धनी होना चाहिए। भाषा पर पूरा अधिकार कर उसकी भाषा में विचार के अनुकूल कलात्मक और उद्देश्यपूर्ण होनी चाहिए।
  3. लेखक को हमेशा ही आत्मविश्वास से परिपूर्ण होना चाहिए, उसका ज्ञान तथा अनुभव फीचर में दिखना चाहिए। उसे अपने आँखों तथा कानों पर विश्वास होना चाहिए इसके आधार पर ही वह एक अच्छे फीचर को लिख सकते हैं।
  4. फीचर लेखक को हमेशा ही निष्पक्ष तथा अपने परिवेश के प्रति हमेशा ही जागरूक होना चाहिए। लेखक का विषय हमेशा ही प्रतिपादन, विश्लेषण और प्रस्तुति प्रामाणिक होनी चाहिए न की आरोपित और संकीर्णित।

इसे भी देखें >>> हिंदी वर्णमाला (Hindi Alphabet Varnamala)

Features writing skills.

  • फीचर में विश्वनीयता होनी चाहिए।
  • इसमें सरलता भी होनी चाहिए।
  • फीचर हमेशा ही मनोरंजन से परिपूर्ण होना चाहिए।
  • इसमें भावनात्मक स्पर्श होना चाहिए।
  • इसमें मानवीय अभिरुचि भी होनी चाहिए।
  • फीचर हमेशा ही संक्षिप्त में होना चाहिए।
  • इसमें हमेशा प्रचलित शब्दावली होनी चाहिए।

फीचर लेखन का उद्देश्य

  • जो भी खबर आपको दिखाई जाती है उसके अंदर भी एक खबर छुपी होती है तो फीचर लेखन की मदद से हम खबरों के पीछे की खबर का विश्लेषण कर सकते हैं।
  • अपने पाठकों का हमेशा ही ज्ञान में वृद्धि करना होता है।
  • अपने पाठकों का लेख के माध्यम से सही और गलत का मार्गदर्शन करवाना होता है।
  • आप जो भी लेख लिखते हैं उसे पूरे रोचकता से लिखना होता है तथा इसके पीछे की पूरी जानकारी को देना होता है ताकि पाठको को शांत किया जा सके।
  • अपने फीचर लेख की सहायता से पाठकों को मनोरंजन करना।

फीचर लेखन के बिंदु

किसी भी फीचर लेख को मनोरंजन के साथ लिखने के लिए आपको कुछ बिंदुओं को फॉलो करना होगा जो की हमारे द्वारा नीचे बताए गए हैं।

  • विषय वस्तु
  • प्रस्तावना
  • सामग्री संग्रह
  • विवेचना
  • शीर्षक
  • निष्कर्ष
  • छायांकन

फीचर लेखन से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर (FAQ)

फीचर लेखन क्या है ?

Feature शब्द को हिंदी में हम “रूपक” भी कहते हैं। यह शब्द लैटिन भाषा के “फ़ैक्ट्रा” शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ है की आकृति, विशिष्ट रचना या वस्तु का स्वरूप इत्यादि। फीचर लेखन को अनेक विद्वानों के द्वारा अपने-अपने शब्दों में परिभाषित किया गया है लेकिन सामान्य तौर पर “किसी भी प्रकरण संबंधी विषय पर प्रकाशित आलेख लिखने को हम फीचर कहते हैं।”

फीचर लेखन तथा लेख में क्या अंतर है ?

लेख तथा फीचर लेखन में बहुत कुछ समानताएं भी हैं लेकिन फिर भी इन दोनों का अपना-अपना अस्तित्व है, एक लेख हमें शिक्षा देता है जबकि फीचर लेखन हमारे मनोरंजन करता है। फीचर में हम हास्य तथा कल्पना का भी सहारा ले सकते हैं।

जर्नलिज्म में फीचर के कितने प्रकार होते हैं ?

जर्नलिज्म में फीचर 7 प्रकार के होते हैं राउंड अप फीचर आलेख, प्रोफाइल फीचर आलेख, हाउ टू फीचर आर्टिकल, पर्सनल एक्सपीरियंस फीचर आर्टिकल, ट्रेवल फीचर आर्टिकल, रिव्यू फीचर आर्टिकल, ऑबिच्युरि फीचर आर्टिकल।

फीचर लेखन का उद्देश्य क्या है ?

फीचर लेखन का उद्देश्य अपने पाठकों का हमेशा ही ज्ञान में वृद्धि करना होता है तथा अपने पाठकों का लेख के माध्यम से सही और गलत का मार्गदर्शन करवाना होता है।

फीचर लेखन की क्या क्या विशेषताएं होती हैं ?

फीचर मनोरंजक होना चाहिए, यह ज्ञानवर्धक होना चाहिए। यह मानवीय रुची के आधार पर होना चाहिए और फीचर की चित्रात्मक भाषा शैली होनी चाहिए।

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