Alankar Kise Kahate Hain? अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार, उदाहरण

Alankar Kise Kahate Hain :- हिंदी भाषा में अलंकार का अर्थ बेहद खास है, मुख्य रूप से काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है। यह विचारों को अभिव्यक्त एवं शब्दों का एक भंडार है जिसके बहुत से तरीके है। भाषा की सहायता से अभिव्यक्ति को समझने और इसे बेहतर बनाने के लिए हिंदी व्याकरण में ऐसे कई घटक होते है। लेकिन उनमे से वह सबसे खास एक अलंकार है जिसका भाषा में अपना एक विशेष स्थान है।

आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार, उदाहरण आदि से संबंधित जानकारी को साझा करने जा रहे है। अतः Alankaar से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।

Alankar Kise Kahate Hain? अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार, उदाहरण
Alankar Kise Kahate Hain? अलंकार की परिभाषा, अलंकार के प्रकार, उदाहरण

Alankar Kise Kahate Hain?

What is Alankar? – यह अलम + कार दो शब्दों से मिलकर बना है। अलंकार की अर्थ की बात करें तो शब्दों के रूप में इसका अर्थ श्रृंगार, आभूषण, सजावट होता है। जैसे की आप सभी लोग जानते है की श्रृंगार के लिए जिस प्रकार से किसी आभूषण की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार से शब्दों और भावों को बेहतर बनाने के लिए अलंकार की आवश्यकता होती है। मुख्य तौर पर स्पष्ट कहा जाए तो यह भाषा को समझाने के लिए गहने के रूप में उपयोग होता है। अलंकार शब्दों की अभिव्यक्ति समझने के लिए एक प्रकार का साधन है जिसे काव्य और रचनाओं के सौंदर्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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अलंकार कितने प्रकार के होते है ?

Alankaar 4 प्रकार के होते है जो इस प्रकार से निम्नवत है।

  1. शब्दालंकार
  2. अर्थालंकार
  3. उभयालंकार
  4. पाश्चात्य अलंकार

शब्दालंकार की जानकारी एवं उसके भेद

  • शब्दालंकार– वह अलंकार होते है जिन्हे शब्दों के माध्यम से संवारा जाता है। अगर किसी प्रतिकुलर शब्द के उपयोग से ही काव्य रचना में सुंदरता आ जाये लेकिन उसी जगह पर उसके पर्यायवाची के इस्तेमाल से विलीन हो जाये तो उसे शब्दालंकार कहा जाता है।
  • शब्दालंकार के तीन भेद है।
    • अनुप्रास अलंकार
    • यमक अलंकार
    • श्लेष अलंकार

अनुप्रास अलंकार– (Alankar Kise Kahate Hain)

यह अलंकार अनु + प्रास दो शब्दों से मिलकर बना है। इन दोनों शब्दों का अर्थ अलग -अलग है ,अनु का अर्थ है बार बार और प्रास का अर्थ वर्ण है। यानी की जब किसी भी वर्ण की अक्सर आवृति से दर्शन उत्पन्न होते है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहा जाता है। वाक्य की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अनुप्रास अलंकार कहा जाता है।

  • उदाहरण : मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला। इसमें म वर्ण का बार बार प्रयोग होने की वजह से यह अनुप्रास अलंकार है।
  • सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते  हैं। (इसमें स वर्ण की आवृत्ति देखी जा सकती है)

यमक अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

यमक अलंकार में छंद संयोजन में कोई शब्द या शब्द समूह का प्रयोग बार बार हो और प्रत्येक बार उसका अर्थ अन्य हो, तो ऐसे में उसे यमक अलंकार कहते हैं।

  • उदाहरण : भजन कह्यौ ताते भज्यौ, भज्यौ न एको बार।
    दूरि भजन जाते कह्यौ,सो तू भज्यौ गँवार।।
    • इसमें भज्यौ,शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हुआ है जिसमें भज्यौ, शब्द का अर्थ अलग अलग है।

श्लेष अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

जहाँ रचना के किसी वाक्य में एक ही शब्द के अनेको अर्थ निकलते हो उसे श्लेष अलंकार कहा जाता है।

  • उदाहरण : सीधी चलते राह जो, रहते सदा निशंक| जो करते विप्लव, उन्हें, ‘हरि’ का है आतंक ||
    • यहाँ हरि शब्द का प्रयोग एक बार हुआ है जिसका अर्थ दो निकलते है बंदर और भगवान

2 – अर्थालंकार और उसके प्रकार

जब किसी शब्दावली में सुंदरता उसके शब्दों से नहीं किन्तु उसके अर्थ से आता हो, उसे अर्थालंकार कहते हैं। अर्थालंकार के कई प्रकार के होते है जो इस प्रकार से निम्नवत है।

  1. उपमा अलंकार
  2. रूपक अलंकार
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. अतिशयोक्ति अलंकार
  5. मानवीकरण अलंकार

उपमा अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

जब समरूप धर्म के अनुसार कई चीजों की तुलना की जाती है वहां पर उपमा अलंकार का प्रयोग होता है। सा, सी, से, जैसे- सम आदि शब्दों का उपयोग होने पर उपमा अलंकार होता है।

  • उदाहरण : कर कमल-सा कोमल है ,यहाँ पर कमल शब्द की बात कोमल हाथों के लिए की जा रही है जिसका अर्थ है कमल के समान यह कोमल है।

रूपक अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

दो वस्तुओं (या उपमेय और उपमान) के बीच का अंतर समाप्त करने को रूपक अलंकार कहा जाता है। रूपक शब्द का अर्थ एकता से है।

  • उदाहरण: मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों
    • इसका अर्थ यहाँ यह है की खिलौना और चाँद में किसी भी तरह की समानता ना दिखाते हुए चाँद को ही खिलौने का रूप दिया गया है।

उत्प्रेक्षा अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

यहाँ उपमेय में उपमान के होने की अनुमान का चित्रण किया जाता है, जिसे उत्प्रेक्षा अलंकार के नाम से जाना जाता है। मानो, जानो, जनु, मनहु, जानते, निश्चय आदि शब्दों का उपयोग उत्प्रेक्षा अलंकार में होता है।

  • उसका मुख मानो चन्द्रमा है।– इसमें मुख में चन्द्रमा होने की बात कही गयी है।
अतिशयोक्ति अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

यदि किसी बात की प्रसंशा करते समय बात को बढ़ा चढ़ा कर बोला जाता है जो उचित भी नहीं है ऐसी स्थिति में अतिशयोक्ति अलंकार का उपयोग किया जाता है।

विलोम शब्द इन हिंदी

  • हनुमान की पूँछ में, लग न पायी आग। लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।।
    • इसमें बढ़ाचढ़ाकर यह बताया गया है की हनुमान जी की पूँछ में आग नहीं लगी थी की इससे पहले लंका जल गयी और सभी राक्षस भाग गए। जबकि यह बिलकुल भी मुमकिन नहीं है बिना पूँछ में आग जले लंका नहीं जल सकती थी।

मानवीकरण अलंकार (Alankar Kise Kahate Hain)

मानवीकरण अलंकार का उपयोग वहां होता है जहाँ पर प्राकृतिक चीजों या फिर जड़ वस्तुओं को मानव सा सजीव वर्णन किया जाता है।

  • फूल हँसे कलियाँ मुस्कुराई। 
    • इसमें बताया गया है की फूल ओर कलियाँ मुस्कुरा रही है ,मतलब जैसे मानव हसते है वैसे ही फूल प्रकृति का रूप है जो मुस्कुरा रहे है।

अलंकार से संबंधित प्रश्न एवं उसके उत्तर

अलंकार कितने प्रकार के होते है ?

अलंकार 4 प्रकार के होते है।
शब्दालंकार
अर्थालंकार
उभयालंकार
पाश्चात्य अलंकार

अलंकार क्या है ?

अलंकार शब्दों को अभिव्यक्ति करने के लिए वह सजावट है जिसका उपयोग श्रृंगार के रूप में किया जाता है।

शब्दालंकार के कितने भेद है ?

शब्दालंकार के 3 भेद है
अनुप्रास अलंकार
यमक अलंकार
श्लेष अलंकार

मानवीकरण अलंकार किसे कहते है ?

प्राकृतिक चीजों में मानव का वर्णन को मानवीकरण अलंकार कहते है।

Alankar Kise Kahate Hain ?

मुख्य रूप से काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है।

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